दिघा में फर्जी होटल वेबसाइट से हो रही पर्यटकों की ठगी: सचेत रहने की जरूरत

दिघा, पश्चिम बंगाल, जो अपनी खूबसूरत समुद्र तटों के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक बढ़ती हुई समस्या का सामना कर रहा है। फर्जी होटल वेबसाइटों के कारण कई पर्यटक ठगी के शिकार हो रहे हैं। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि यह फ्रॉड कैसे होता है, इसे कैसे पहचानें और सुरक्षित ऑनलाइन बुकिंग के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।


फर्जी होटल वेबसाइट धोखाधड़ी क्या है?

फर्जी होटल वेबसाइट धोखाधड़ी का मतलब है कि कुछ ठग नकली वेबसाइट बनाकर असली होटल की तरह दिखाते हैं और पर्यटकों से ऑनलाइन भुगतान करवाकर गायब हो जाते हैं। ये वेबसाइटें अक्सर असली वेबसाइटों से मिलती-जुलती होती हैं, ताकि कोई आसानी से धोखा खा जाए।
पर्यटक जब इन नकली वेबसाइटों से होटल बुक करते हैं, तो उनका पैसा चले जाता है, लेकिन होटल में उनका कोई आरक्षण नहीं होता।


कैसे होती है यह ठगी?

  • नकली वेबसाइट: धोखेबाज असली होटल वेबसाइट की नकल करते हैं या एकदम मिलती-जुलती वेबसाइट बनाते हैं।
  • झूठे ऑफर: आकर्षक और सस्ते रेट दिखाकर पर्यटकों को फंसाते हैं।
  • भुगतान कराना: एडवांस या पूरी राशि ऑनलाइन भुगतान करवाकर गायब हो जाते हैं।
  • फर्जी संपर्क: फोन नंबर और ईमेल फर्जी होते हैं, जिससे ठगों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है।

पुलिस की चेतावनी और कार्रवाई

दिघा पुलिस ने इन धोखाधड़ी की घटनाओं में वृद्धि को गंभीरता से लिया है। उन्होंने पर्यटकों को सजग रहने की सलाह दी है और फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहने के लिए कई उपाय बताए हैं।
साथ ही, साइबर क्राइम सेल के साथ मिलकर जांच तेज़ कर दी गई है ताकि दोषियों को जल्दी से पकड़ा जा सके।


पर्यटक कैसे बचें इस धोखाधड़ी से?

  • सुनिश्चित करें वेबसाइट की वैधता: सिर्फ प्रसिद्ध और भरोसेमंद वेबसाइटों से ही बुकिंग करें।
  • सीधा होटल से संपर्क करें: ऑनलाइन बुकिंग से पहले होटल के फोन नंबर या ईमेल से सीधे संपर्क कर पुष्टि करें।
  • ऑनलाइन रिव्यू पढ़ें: होटल की समीक्षाएं जरूर देखें, खासकर ताजा अनुभव।
  • पेमेन्ट से सावधानी: अनजान वेबसाइट या लिंक पर सीधे भुगतान न करें।
  • ब्रांडेड पोर्टल इस्तेमाल करें: मेकमायट्रिप, बुकिंग.कॉम जैसे भरोसेमंद प्लेटफॉर्म चुनें।

स्थानीय प्रशासन का कदम

पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले को लेकर कदम उठाए हैं। होटल मालिकों को पंजीकृत करने और प्रमाणित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है ताकि पर्यटकों को भरोसेमंद आवास सुविधा मिल सके। साथ ही, जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं।


अगर आप ठगी के शिकार हो गए हैं तो क्या करें?

  • तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं।
  • अपनी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की डिटेल्स, वेबसाइट का URL और अन्य सबूत संभाल कर रखें।
  • साइबर क्राइम सेल को भी शिकायत भेजें।
  • अपने अनुभव को सोशल मीडिया या ट्रैवल फोरम पर साझा करें ताकि अन्य पर्यटक सतर्क रहें।

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