सुप्रीम कोर्ट ने उठाए सवाल: दस्तावेज़ गायब, FIR में देरी और CBI को जांच का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में महिला मेडिक के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में गंभीर अनियमितताओं पर चिंता जताई है। कोर्ट ने पोस्टमार्टम के लिए ज़रूरी ‘चालान’ दस्तावेज़ के रिकॉर्ड से गायब होने पर CBI और राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने यह भी पूछा, “जब शव पोस्टमार्टम के लिए सौंपा गया, तब चालान कहां गया?” CBI के वकील तुषार मेहता ने बताया कि यह दस्तावेज़ उनके पास नहीं है, जबकि राज्य सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने समय मांगा।
इसके अलावा कोर्ट ने इस घटना की FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी पर भी नाराजगी जताई। इस देरी को एक बड़ी चूक बताते हुए, कोर्ट ने CBI को 17 सितंबर तक ताज़ा जांच रिपोर्ट जमा करने को कहा है।
पीड़िता की इज्जत की रक्षा और हड़ताली डॉक्टरों को काम पर लौटने का निर्देश
कोर्ट ने आदेश दिया कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की तस्वीरें और पहचान तुरंत हटाई जाएं ताकि मृतका की गरिमा और निजता सुरक्षित रह सके। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के हड़ताली रेजिडेंट डॉक्टरों को मंगलवार शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया है, यह स्पष्ट करते हुए कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
इस बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पीड़िता के परिवार को पैसे की कोई पेशकश नहीं की गई थी। उन्होंने कहा, “अगर कोई सोचता है कि पैसे दिए गए थे, तो उन्हें इसे साबित करना होगा।”
घटना को हुए एक महीना बीत चुका है (9 सितंबर), लेकिन अभी भी कई सवाल बाकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों से उम्मीद जगी है कि अब जांच तेज़ और निष्पक्ष होगी। NCRB
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला मेडिकल छात्रा के साथ हुए बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर चिंता जताई है। अदालत ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया में जरूरी एक अहम दस्तावेज, जिसे ‘चालान’ कहा जाता है, के गायब होने पर नाराजगी जाहिर की और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को इस पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने स्पष्ट रूप से पूछा कि जब शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, तब उसका चालान कहां गया। CBI ने बताया कि उनके पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं है, जबकि राज्य सरकार ने कोर्ट से समय मांगा है। कोर्ट ने इस केस में एफआईआर दर्ज करने में कोलकाता पुलिस द्वारा की गई 14 घंटे की देरी पर भी सवाल उठाए हैं और CBI को 17 सितंबर तक जांच की नई रिपोर्ट सौंपने को कहा है। साथ ही अदालत ने सोशल मीडिया से पीड़िता की तस्वीरें और पहचान हटाने का आदेश दिया ताकि उसकी गरिमा बनी रहे। सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों को मंगलवार शाम तक काम पर लौटने का निर्देश भी दिया है और यह भी कहा कि लौटने पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस घटना को एक महीना हो चुका है और अब पूरा देश न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है। India Today
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