मुंबई लोकल ट्रेन हादसा: मुंब्रा स्टेशन पर भीड़ के कारण 6 यात्रियों की मौत, कई घायल

मुंबई लोकल ट्रेन में भीषण हादसा: 6 की मौत, 9 घायल — सुरक्षा पर फिर उठे सवाल

9 जून 2025 को सोमवार की सुबह, मुंबई की लोकल ट्रेन सेवा में एक बड़ा और दुखद हादसा हुआ। यह दुर्घटना ठाणे जिले के मुंब्रा और दिवा रेलवे स्टेशनों के बीच हुई, जब एक अत्यधिक भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन में यात्रा कर रहे 13 यात्री ट्रेन से गिर पड़े। इस हादसे में 6 लोगों की जान चली गई और 9 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए

सूत्रों के मुताबिक, हादसा उस वक्त हुआ जब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) से कसारा जा रही ट्रेन में यात्रियों की संख्या नियंत्रण से बाहर थी। जगह की कमी के कारण कई यात्री ट्रेन के फुटबोर्ड पर खड़े होकर यात्रा कर रहे थे। जैसे ही ट्रेन मुंब्रा के करीब पहुंची, कुछ यात्रियों का संतुलन बिगड़ गया और वे पटरियों पर गिर पड़े। घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसा इतना अचानक और भयावह था कि किसी को संभलने तक का मौका नहीं मिला।


हादसे की वजह और मौजूदा हालात

मुंबई की लोकल ट्रेनें देश की सबसे व्यस्त उपनगरीय रेल सेवाओं में से एक हैं, जहां हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं। लेकिन बढ़ती भीड़ और कम संसाधनों की वजह से यह नेटवर्क लगातार यात्रियों की जान जोखिम में डालता रहा है।

इस हादसे में जिन लोगों की जान गई, उनमें एक नाम केतन सरोज का है, जिसकी उम्र 22 वर्ष थी। वह अपने एक साथी के साथ डोंबिवली से ऑफिस जा रहा था। ट्रेन से गिरने के बाद उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसके परिवार में उसकी मां और छोटा भाई है, जो अब बेसहारा हो गए हैं।

एक और मृतक, मयुर नाइक, 44 वर्ष के थे। वे एक आईटी प्रोफेशनल थे और डोंबिवली में घर खरीदने का सपना देख रहे थे, जो अब अधूरा रह गया है। इस हादसे में घायल 9 लोगों को पास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कई की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।


रेलवे की ओर से ऐक्शन और आगे की योजना

इस हादसे के बाद रेलवे मंत्रालय ने एक जरूरी फैसला लिया है। उन्होंने घोषणा की है कि आने वाले समय में मुंबई की सभी लोकल ट्रेनों में ऑटोमैटिक दरवाजे लगाए जाएंगे ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा हादसे की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित की गई है जो यह पता लगाएगी कि चूक कहाँ हुई।

रेल प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया और मौके पर वरिष्ठ अधिकारियों की टीम भेजी गई, जिन्होंने हालात का जायजा लिया और घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया। हालांकि यात्रियों में नाराजगी है और कई लोगों ने रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।


राजनीतिक प्रतिक्रिया और जनता का गुस्सा

जैसे ही हादसे की खबर सामने आई, राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। विपक्ष ने सरकार और रेलवे प्रशासन पर हमला बोलते हुए कहा कि बुनियादी ढांचे की लापरवाही ने यह दर्दनाक घटना घटित की है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने रेलवे की खस्ताहाल व्यवस्था और सुरक्षा की अनदेखी पर तीखी प्रतिक्रिया दी।

विशेषज्ञों और आम लोगों ने यह मांग की है कि मुंबई लोकल ट्रेनों की सुरक्षा पर प्राथमिकता के साथ ध्यान दिया जाए। आए दिन होने वाले हादसे यह संकेत देते हैं कि अब शब्दों से नहीं, बल्कि कार्रवाई से लोगों का विश्वास जीता जा सकता है।


भीड़ और सुरक्षा: एक बार फिर सवालों के घेरे में

मुंबई की लोकल ट्रेनों में हर रोज लाखों यात्री यात्रा करते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में यह सेवा सुरक्षा की दृष्टि से बार-बार असफल साबित हुई है। हर रोज की भीड़, लटकते हुए सफर, और दरवाजों की खुली व्यवस्था ने इसे खतरनाक बना दिया है।

रेलवे प्रशासन को चाहिए कि वह भीड़ नियंत्रित करने के लिए विशेष नीति बनाए, ट्रेनों की संख्या बढ़ाए और यात्री सुविधाओं में सुधार करे। अन्यथा, इस तरह के हादसे भविष्य में और भी बड़े संकट का कारण बन सकते हैं।

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Prashant Pathak
Prashant Pathak is a passionate journalist and digital creator who writes about politics, technology, travel, and culture with a clear, human touch. As the editor of The Ayodhya Times, he focuses on bringing real, verified, and people-centered news stories to readers. His goal is to make complex topics easy to understand and connect news with everyday life.