भारत का भविष्य उसके नागरिकों की साक्षरता पर निर्भर करता है। जब एक समाज पढ़ता है, तभी वह प्रगति करता है। इसी सोच को साकार रूप देने के लिए भारत सरकार ने एक अद्भुत पहल की है – “नई भारत साक्षरता कार्यक्रम (NILP)”। यह न सिर्फ अशिक्षा के अंधकार को मिटाने का प्रयास है, बल्कि समाज को जागरूक, स्वावलंबी और सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
💡 योजना की नींव: नीति और उद्देश्य
🔹 योजना का नाम: नई भारत साक्षरता कार्यक्रम (New India Literacy Programme – NILP)
🔹 कार्यान्वयन अवधि: वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक
🔹 कुल वित्तीय परिव्यय: ₹1037.90 करोड़
🔹 लक्षित वर्ग: 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के अशिक्षित नागरिक
🔹 आधार: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की सिफारिशें
इस योजना का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के प्रत्येक नागरिक को पढ़ने, लिखने, गिनती करने और जीवनोपयोगी ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिले, जिससे वे अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकें।
🧩 पाँच प्रमुख स्तंभ: NILP के घटक
भारत जैसे विविधतापूर्ण देश के लिए एक व्यापक और समावेशी शिक्षा योजना आवश्यक थी। इस योजना को पाँच प्रमुख स्तंभों में बाँटा गया है, जिससे विभिन्न ज़रूरतों को पूरा किया जा सके।
📖 1. मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान (Foundational Literacy & Numeracy)
यह चरण योजना का आधार है।
देश के करोड़ों नागरिक अभी भी अक्षरज्ञान और संख्याज्ञान से वंचित हैं। इस घटक के तहत उन्हें पढ़ने, लिखने और सामान्य गणितीय कार्यों की शिक्षा दी जाएगी, जैसे:
- नाम लिखना
- मोबाइल नंबर पढ़ना
- मूल जोड़, घटाव, गुणा, भाग
- समय और तारीख़ समझना
- बस टिकट, बैंक पर्ची पढ़ना
यह भाग नागरिकों को जीवन की बुनियादी जरूरतों में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पहला कदम है।
🧠 2. जीवनोपयोगी महत्वपूर्ण कौशल (Critical Life Skills)
आज की दुनिया में केवल अक्षरज्ञान पर्याप्त नहीं है। आधुनिक युग में कुछ खास जीवन कौशल जानना बेहद ज़रूरी है। इस खंड के अंतर्गत शामिल हैं:
- 💸 वित्तीय साक्षरता: बैंकिंग, UPI, ऑनलाइन भुगतान, बचत योजनाएँ
- 🌐 डिजिटल साक्षरता: स्मार्टफोन का उपयोग, ईमेल, गूगल सर्च, ऐप डाउनलोड
- ⚖️ कानूनी साक्षरता: मौलिक अधिकार, कानूनी सहायता, दस्तावेज़ की वैधता
- 🏥 स्वास्थ्य और स्वच्छता: टीकाकरण, पोषण, स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी
- 👶 बाल देखभाल व शिक्षा: मातृ-शिशु पोषण, प्रारंभिक शिक्षा की भूमिका
- 👨👩👧👦 पारिवारिक कल्याण: विवाह संबंधी कानून, पारिवारिक संवाद, घरेलू हिंसा से सुरक्षा
यह भाग नागरिकों को न केवल जागरूक बनाता है, बल्कि उन्हें सुरक्षित और आत्मनिर्भर जीवन जीने की दिशा में सक्षम बनाता है।
🏫 3. मूलभूत शिक्षा (Basic Education)
इस खंड का उद्देश्य उन लोगों को स्कूली शिक्षा का समकक्ष ज्ञान प्रदान करना है जिन्होंने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा, या बीच में पढ़ाई छोड़ दी।
तीन स्तर शामिल हैं:
- 📘 प्रारंभिक स्तर (कक्षा 3–5): भाषा, गणित, पर्यावरण
- 📙 मध्य स्तर (कक्षा 6–8): सामाजिक विज्ञान, विज्ञान की प्रारंभिक समझ
- 📗 माध्यमिक स्तर (कक्षा 9–12): विस्तृत विषयगत अध्ययन, परीक्षा तैयारी
इसके अंतर्गत सरकार समानता प्रमाण पत्र (Equivalency Certificates) भी जारी कर सकती है, जिससे नव-साक्षर व्यक्ति आगे की शिक्षा प्राप्त कर सकें।
🛠️ 4. व्यावसायिक कौशल (Vocational Skills)
पढ़ना-लिखना तब सार्थक होता है जब उससे रोज़गार का साधन बने।
इस घटक का उद्देश्य नव-साक्षर व्यक्तियों को उनके स्थानीय क्षेत्र के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण देना है, जैसे:
- सिलाई, बुनाई, कढ़ाई
- मोबाइल रिपेयरिंग
- कृषि आधारित तकनीक
- घरेलू उद्यम, जैसे अगरबत्ती, मसाला पैकिंग
- टैली, कंप्यूटर बेसिक्स
इससे व्यक्ति आत्मनिर्भर बन सकता है और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकता है।
📚 5. सतत शिक्षा (Continuing Education)
शिक्षा एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। NILP इसका पूर्ण समर्थन करता है और वयस्कों को जीवनभर सीखने की प्रेरणा देता है।
इसमें सम्मिलित हैं:
- 🎨 कला एवं संस्कृति: संगीत, चित्रकला, लोकनृत्य
- 🔬 विज्ञान एवं तकनीक: इनोवेशन, टेक्नोलॉजी का परिचय
- ⚽ खेल एवं मनोरंजन: खेल प्रतियोगिताएँ, योग, समूह गतिविधियाँ
- 🧩 विविध विषय: बागवानी, पाक-कला, पर्यावरणीय जागरूकता
यह भाग जीवन को गुणवत्ता और आनंद देने की दिशा में अभूतपूर्व है।
👥 सामुदायिक सहभागिता : “जन-जन की भागीदारी”
इस योजना का सबसे सुंदर पहलू है — ‘स्वयंसेवक आधारित कार्यान्वयन’ (Volunteerism)।
शिक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, यह समाज की भी जिम्मेदारी है। इसके लिए:
- 🧑🤝🧑 स्व-सहायता समूह (SHGs)
- 🤝 स्वैच्छिक संगठन (NGOs)
- 👨👩👦 स्थानीय समुदाय व समूह
- 🙋♂️ यूज़र ग्रुप्स व सामुदायिक मंच
को आगे लाया जाएगा। वे शिक्षा दूत बनेंगे और सीखने की प्रेरणा का स्रोत बनेंगे।
💻 डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की भूमिका : शिक्षा अब मोबाइल में
तकनीक की मदद से ज्ञान अब हर हाथ तक पहुँचा जा सकता है।
📲 DIKSHA प्लेटफॉर्म (NCERT) के माध्यम से शिक्षण सामग्री स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे कोई भी व्यक्ति:
- मोबाइल ऐप से पढ़ सके
- वीडियो, ऑडियो, पीडीएफ से सीख सके
- अपने समय के अनुसार सीख सके
यह डिजिटल समावेशन (Digital Inclusion) का एक उदाहरण बन गया है।
🏫 योजना का क्रियान्वयन : कहाँ और कैसे?
इस योजना को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए कुछ खास व्यवस्थाएं की गई हैं:
- सभी सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूल, जो UDISE के अंतर्गत पंजीकृत हैं, इस योजना के कार्यन्वयन केंद्र (Implementation Units) होंगे।
- इन स्कूलों में शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और स्थानीय नेतृत्व की भूमिका होगी।
- राज्य सरकारें और केंद्र शासित प्रदेश मिलकर योजना का संचालन करेंगे।
यह एक साझेदारी आधारित मॉडल है जिसमें प्रशासन और समाज दोनों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।
🏁 निष्कर्ष : साक्षर भारत की ओर पहला कदम
“नई भारत साक्षरता कार्यक्रम (NILP)” केवल एक शिक्षा योजना नहीं है — यह एक आंदोलन है, एक यज्ञ है जिसमें हर नागरिक की आहुति आवश्यक है।
यह कार्यक्रम…
- अशिक्षा को जड़ से मिटाने की कोशिश है
- समानता और समावेशिता की दिशा में कदम है
- आत्मनिर्भर भारत के सपने को हकीकत में बदलने की प्रक्रिया है
- ‘सबका साथ, सबका विकास’ को व्यवहार में लाने का माध्यम है
एक ऐसा भारत जहाँ हर नागरिक पढ़ना जानता हो, अपने अधिकारों से परिचित हो, और अपनी आजीविका कमाने में सक्षम हो — यही है NILP का लक्ष्य।