
दिल्ली-NCR में बारिश और तूफान का अलर्ट, IMD ने जारी किया येलो अलर्ट, लोगों को घर में रहने की सलाह
दिल्ली-NCR में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले तीन दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए तेज हवाओं, बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी दी है। इसके साथ ही लोगों से सतर्क रहने और घर के अंदर रहने की अपील की गई है।

क्या कहता है मौसम विभाग?
IMD के अनुसार, इस दौरान 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है, जबकि कुछ इलाकों में ओलावृष्टि भी देखने को मिल सकती है। ऐसे हालात में बाहर निकलने से बचने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
मौसम में बदलाव क्यों?
मौसम विभाग ने बताया कि यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ और अरब सागर व बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण हो रहा है। इसके अलावा, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आसपास बने चक्रवाती सिस्टम ने वातावरण को अस्थिर कर दिया है, जिससे क्षेत्र में तूफानी गतिविधियों की आशंका बढ़ गई है।
गर्मी से राहत, पर उमस बरकरार
हाल ही के दिनों में दिल्ली-NCR में भीषण गर्मी और उमस ने लोगों को परेशान किया था। अब बारिश से कुछ हद तक राहत की उम्मीद है। अनुमान है कि अधिकतम तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है। हालांकि, बारिश के बाद उमस में इजाफा हो सकता है।
क्या करें, क्या न करें?
मौसम विभाग ने नागरिकों को अलर्ट रहने की सलाह दी है। तूफान और बारिश के दौरान इन बातों का विशेष ध्यान रखें:
- घर के अंदर ही रहें, खासकर जब तेज हवाएं चल रही हों
- पेड़, बिजली के खंभों और टिन की छतों के नीचे खड़े होने से बचें
- अनावश्यक यात्रा से परहेज करें
- मौसम अपडेट और यात्रा की जानकारी पहले से ले लें
- जलभराव वाले क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें
कब तक रहेगा असर?
IMD के मुताबिक, यह मौसम प्रणाली 19 जून तक सक्रिय रह सकती है। इसके बाद मौसम के धीरे-धीरे सामान्य होने की संभावना जताई गई है। 20 जून से तापमान में फिर से बढ़ोतरी हो सकती है।
हाल ही में आए तूफानों का अनुभव
गौरतलब है कि मई 2025 में भी दिल्ली-NCR को भारी तूफान का सामना करना पड़ा था। 2 मई को आई आंधी और तेज बारिश (80 मिमी) के साथ 79 किमी/घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने कई क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया था। कई जगहों पर पेड़ गिरने, ट्रैफिक जाम और उड़ानों में देरी जैसी समस्याएं सामने आई थीं।