
कोविड के नए वेरिएंट निम्बस के बारे में जानिए: लक्षण, खतरा और बचाव के तरीके
हाल ही में, कोविड-19 का एक नया सबवेरिएंट जिसे निम्बस (वैज्ञानिक नाम NB.1.8.1) कहा जा रहा है, तेजी से दुनिया के कई हिस्सों में फैल रहा है, जिसमें भारत, यूरोप और उत्तर अमेरिका भी शामिल हैं। इस वेरिएंट ने खास ध्यान इसलिए आकर्षित किया है क्योंकि यह गले में तीव्र दर्द का कारण बनता है, जिसे लोग अक्सर “रेजर ब्लेड निगलने जैसा” बताते हैं।
निम्बस वेरिएंट क्या है?
सबसे पहले, निम्बस ओमिक्रॉन परिवार का एक नया सबवेरिएंट है, जिसे सबसे पहले 2025 की शुरुआत में पहचाना गया था। तब से यह 20 से अधिक देशों में पाया जा चुका है। साथ ही, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे “वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” की श्रेणी में रखा है क्योंकि यह जल्दी फैलता है और संभवतः इम्यूनिटी को भी कुछ हद तक चकमा दे सकता है।
इसके प्रमुख लक्षण क्या हैं?
निम्बस के संक्रमण में सबसे खास लक्षण गले में तीव्र दर्द है, जो बहुत कष्टदायक होता है। इसके अलावा, निम्न लक्षण भी आम हो सकते हैं:
- बुखार
- थकान
- हल्का खांसी
- मांसपेशियों में दर्द
- नाक बंद होना
- कभी-कभी पाचन संबंधी समस्या जैसे दस्त और मिचली
साथ ही यह जानना ज़रूरी है कि यह गले का दर्द सिर्फ निम्बस में ही नहीं, बल्कि कोविड के दूसरे वेरिएंट में भी पाया जाता रहा है।
निम्बस कितना फैल चुका है और कितना खतरनाक है?
इस समय निम्बस कई देशों में नए कोविड मामलों का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है। उदाहरण के तौर पर, अमेरिका में यह नए मामलों का लगभग 37% है, और कुछ जगहों जैसे कैलिफोर्निया में यह 50% से भी अधिक हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इसके फैलने के बावजूद सार्वजनिक जोखिम अभी भी कम है। इसके साथ ही, मौजूदा टीके गंभीर बीमारियों और अस्पताल में भर्ती होने से बचाव करते हैं।
अपने आप को कैसे बचाएं?
ऐसे में निम्न सावधानियां अपनाना जरूरी है ताकि संक्रमण और फैलाव से बचा जा सके:
- सबसे पहले, सुनिश्चित करें कि आपकी कोविड वैक्सीन की सभी डोज़ पूरी हों और बूस्टर भी ले रखें।
- फिर, भीड़भाड़ वाले या अंदरूनी इलाकों में एन95 या केएन95 मास्क पहनें।
- इसके साथ ही, नियमित रूप से हाथ धोते रहें।
- यदि कोई लक्षण दिखें तो घर पर रहकर तुरंत जांच कराएं।
- गले के दर्द को कम करने के लिए गर्म पेय, गले की गोलियां और दवाइयां ले सकते हैं।
कब डॉक्टर से संपर्क करें?
हालांकि निम्बस के लक्षण सामान्यतः हल्के या मध्यम होते हैं, फिर भी अपनी सेहत पर ध्यान देना जरूरी है। यदि लक्षण बिगड़ें या कई दिनों तक बने रहें, खासकर सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें।
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