
इज़राइल-ईरान युद्ध का असर: भारत में ये चीजें हो सकती हैं महंगी, जानिए आपकी जेब पर कितना पड़ेगा बोझ
नई दिल्ली:
मध्य पूर्व में चल रहा तनाव, खासकर इज़राइल और ईरान के बीच युद्ध जैसी स्थिति, न केवल वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर रहा है बल्कि इसका असर अब आम लोगों की जेब पर भी दिखने लगा है। भारत जैसे तेल-आयातक देश के लिए यह टकराव बेहद महंगा सौदा साबित हो सकता है।
📈 तेल की कीमतों में उछाल की आशंका
सबसे पहले और सबसे अधिक असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि तनाव और गहराया, तो तेल की कीमतें $150 प्रति बैरल तक जा सकती हैं। इससे भारत की आयात लागत बढ़ेगी और सीधे तौर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू सकती हैं।
🔺 महंगाई की लहर: आपकी जेब पर बढ़ेगा दबाव
तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ-साथ ट्रांसपोर्टेशन लागत भी बढ़ेगी। इसका सीधा असर आम उपभोक्ता की जरूरत की चीजों पर पड़ेगा। नीचे दी गई है उन वस्तुओं की सूची, जिनकी कीमतों में तेजी देखी जा सकती है:
1. पेट्रोल और डीजल
कच्चे तेल की महंगाई के चलते सबसे पहला असर ईंधन की कीमतों पर पड़ेगा। इससे हर सेक्टर में लागत बढ़ेगी।
2. खाद्य वस्तुएं
चूंकि ट्रांसपोर्ट महंगा हो जाएगा, इसलिए सब्ज़ियां, फल, अनाज और डेयरी उत्पादों की कीमतों में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
3. उर्वरक और कृषि उत्पाद
ईंधन पर आधारित उर्वरक और कृषि से जुड़ी मशीनों की लागत भी बढ़ेगी। परिणामस्वरूप, खेती महंगी होगी और इसके कारण खाद्य वस्तुएं भी महंगी होंगी।
4. इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट्स
भारत में अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद आयात होते हैं। शिपिंग लागत बढ़ने और विदेशी मुद्रा दरों में अस्थिरता के कारण मोबाइल, लैपटॉप, टीवी जैसे उपकरणों की कीमतों में भी इज़ाफ़ा हो सकता है।
5. कपड़े और फैशन आइटम्स
ट्रांसपोर्ट और उत्पादन लागत में बढ़ोतरी से रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़ा और एक्सेसरीज़ भी महंगे हो सकते हैं।
🔄 सरकार की तैयारी और संभावित समाधान
हालांकि भारत सरकार के पास रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार मौजूद हैं, लेकिन वे केवल सीमित समय के लिए राहत दे सकते हैं। दीर्घकालिक समाधान के लिए सरकार को वैकल्पिक तेल आपूर्तिकर्ताओं की तलाश करनी होगी और घरेलू उत्पादन पर भी फोकस बढ़ाना होगा।
🔗 NEET PG 2025 Official Website – NBEMS
