
सोना ₹99,000 के नीचे: जानिए गिरावट की वजह, एक्सपर्ट्स की राय और आगे का रुझान
हाल ही में सोने की कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली है। सोना जो कुछ ही दिन पहले ₹1,01,000 प्रति 10 ग्राम के पार जा चुका था, अब ₹99,000 के नीचे आ चुका है। इससे निवेशकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं – क्या यह गिरावट लंबे समय तक रहेगी? क्या यह खरीदारी का सही समय है? आइए विस्तार से समझते हैं इस गिरावट की मुख्य वजहें, विश्लेषकों की राय और आने वाले समय में इसका क्या असर हो सकता है।
1. गिरावट की प्रमुख वजहें
अमेरिकी फेडरल रिज़र्व की नीतियाँ
सबसे बड़ी वजह अमेरिकी फेड की ब्याज दरों को लेकर सख्त नीति है। फेड ने संकेत दिए हैं कि वे निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती नहीं करेंगे। इससे डॉलर मजबूत हुआ और सोने पर दबाव बना, क्योंकि निवेशकों ने डॉलर को प्राथमिकता दी।
वैश्विक तनाव कम होना
हाल के महीनों में इज़राइल और ईरान के बीच बढ़े हुए तनाव के चलते सोना रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया था। लेकिन अब उस तनाव में थोड़ी कमी आई है, जिससे सोने की मांग में कुछ गिरावट देखी गई।
डॉलर की मजबूती
जब डॉलर की वैल्यू बढ़ती है तो आमतौर पर सोने की कीमतों में गिरावट आती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डॉलर मजबूत होने से सोना अन्य मुद्राओं में महंगा हो जाता है, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय मांग कम होती है।
2. सोने की कीमतों में कितनी गिरावट आई?
अगर हम हालिया आँकड़ों की बात करें, तो सोने की कीमत लगभग ₹2,100 प्रति 10 ग्राम तक गिरी है। अगस्त वायदा में सोने की कीमत ₹99,258 प्रति 10 ग्राम तक नीचे आ चुकी है। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब कुछ ही दिन पहले सोना ₹1,01,000 के पार था। इस प्रकार, यह निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है।
3. विशेषज्ञों की राय क्या कहती है?
विशेषज्ञों की मानें तो यह गिरावट स्थायी नहीं है। कई जानकारों का मानना है कि अगर फेडरल रिज़र्व की नीति में कुछ नरमी आती है या फिर कोई वैश्विक संकट फिर से उभरता है, तो सोने की कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं।
कुछ विश्लेषकों का यह भी कहना है कि इस समय सोने की कीमतों में आई गिरावट को एक अवसर के रूप में देखा जा सकता है। यदि कोई लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो यह समय निवेश के लिए अनुकूल हो सकता है।
4. निवेशकों के लिए क्या सुझाव है?
- धैर्य बनाए रखें: मार्केट में उतार-चढ़ाव सामान्य है। हर गिरावट का मतलब नुकसान नहीं होता।
- सोच-समझकर निवेश करें: यदि आप दीर्घकालिक निवेश की योजना बना रहे हैं, तो यह एक अच्छा मौका हो सकता है।
- समाचारों पर नज़र रखें: अमेरिकी फेड की नीति, वैश्विक तनाव और डॉलर की चाल पर नजर रखना जरूरी है।
