
नई दिल्ली।
दिल्ली सरकार ने 2025–26 शैक्षणिक सत्र के लिए कक्षा 6 से 9 तक गैर-योजनाबद्ध (नॉन-प्लान) एडमिशन की प्रक्रिया और आयु सीमाएं घोषित कर दी हैं। अब तय उम्र सीमा के अनुसार ही छात्रों को सरकारी स्कूलों में प्रवेश मिलेगा। यह कदम स्कूली शिक्षा को सुव्यवस्थित करने और छात्र हित में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
एडमिशन प्रक्रिया की प्रमुख बातें
शिक्षा निदेशालय (DoE) के अनुसार, नॉन-प्लान एडमिशन प्रक्रिया तीन चरणों में आयोजित की जाएगी:
- पहला चरण: 1 अप्रैल से 8 अप्रैल 2025
- दूसरा चरण: 1 मई से 24 मई 2025
- तीसरा चरण: 1 जुलाई से 25 जुलाई 2025
हर चरण के अंत में आवेदनों की समीक्षा की जाएगी और योग्य छात्रों को प्रवेश प्रदान किया जाएगा।
कक्षा के अनुसार उम्र सीमा
प्रत्येक कक्षा के लिए न्यूनतम और अधिकतम आयु सीमा इस प्रकार तय की गई है:
- कक्षा 6: 10 से 12 वर्ष
- कक्षा 7: 11 से 13 वर्ष
- कक्षा 8: 12 से 14 वर्ष
- कक्षा 9: 13 से 15 वर्ष
हालांकि, विशेष परिस्थितियों में जैसे कि दिव्यांगता या अन्य सामाजिक कारणों के चलते, स्कूल प्रमुख को 6 महीने से लेकर अधिकतम 4 वर्ष तक की आयु में छूट देने का अधिकार दिया गया है।
क्या कहती है शिक्षा नीति
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार, बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए उम्र संबंधी नियमों का पालन अनिवार्य किया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि छात्र मानसिक और शारीरिक रूप से उस कक्षा के लिए उपयुक्त हों जिसमें वे पढ़ाई शुरू कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार का यह कदम NEP की दिशा में एक सटीक और आवश्यक पहल है।
स्पेशल स्कूलों में भी लागू होंगे नए नियम
दिल्ली के विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए बनाए गए स्पेशल स्कूलों में भी इन आयु सीमाओं का पालन किया जाएगा। कक्षा 6 से 9 तक इन स्कूलों में एडमिशन के लिए दस्तावेजों की पुष्टि के साथ-साथ उम्र की शर्त को भी ध्यान में रखा जाएगा।
महत्वपूर्ण दस्तावेज़
एडमिशन के समय छात्रों को निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे:
- जन्म प्रमाण पत्र
- पिछली कक्षा का प्रमाण पत्र (यदि हो)
- आवास प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
दिल्ली शिक्षा निदेशालय (Directorate of Education – DoE)
