🔶 अनिल अंबानी के खिलाफ जांच एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई
देश के मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। इस बार मामला है ₹3,000 करोड़ रुपये के लोन घोटाले का, जिसमें केंद्रीय जांच एजेंसियों ने बड़ा कदम उठाते हुए उनके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी कर दिया है। इसका मतलब साफ है—अब अनिल अंबानी देश छोड़कर बाहर नहीं जा सकते।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रिलायंस ग्रुप से जुड़ी कुछ कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों से भारी-भरकम लोन लिया और फिर उस फंड को गलत तरीके से डायवर्ट किया गया। मामला तब गंभीर हुआ जब यह रकम एनपीए घोषित हो गई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) और सीबीआई (CBI) दोनों ने इस पूरे मामले में मनी लॉन्ड्रिंग और बैंक फ्रॉड की आशंका जताते हुए जांच तेज कर दी है।
सूत्रों की मानें तो इस घोटाले की शुरुआत बैंकों की शिकायतों से हुई, जिसमें अनिल अंबानी समूह की कंपनियों द्वारा लिए गए लोन का गलत उपयोग होने की बात सामने आई। जांच में यह भी सामने आया कि कई ट्रांजैक्शन शेल कंपनियों के माध्यम से किए गए, ताकि असली लेन-देन को छुपाया जा सके।
🔶 क्या है लुकआउट सर्कुलर और अब आगे क्या?
लुकआउट सर्कुलर किसी व्यक्ति के देश छोड़ने पर रोक लगाने का कानूनी तरीका होता है, जिसे इमिग्रेशन ऑफिस पर लागू किया जाता है। जब किसी पर गंभीर आर्थिक अपराधों का शक होता है और जांच एजेंसी को लगता है कि वह व्यक्ति देश से फरार हो सकता है, तब LOC जारी किया जाता है।
अनिल अंबानी की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, इससे पहले वे कई बार कह चुके हैं कि उनके सभी लेन-देन कानूनी दायरे में हैं और उन्होंने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है।
लेकिन जिस तरह से ED और CBI ने इस बार कार्रवाई शुरू की है, यह मामला अब हल्के में लेने लायक नहीं रहा। अगले कुछ हफ्तों में एजेंसियां अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए बुला सकती हैं और ज़रूरत पड़ी तो संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती है।


