दुनिया की जानी-मानी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Samsung ने भारत में अपने ‘Make in India’ Laptop निर्माण शुरू

Samsung laptop

ग्रेटर नोएडा – दुनिया की जानी-मानी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी Samsung ने भारत में अपने ‘Make in India’ विज़न को एक और ऊँचाई पर ले जाते हुए ग्रेटर नोएडा सुविधा में लैपटॉप निर्माण शुरू कर दिया है। यह कदम भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के उद्देश्य को मजबूत करेगा।


स्थानीय उत्पादन की ओर बड़ा कदम

सैमसंग लंबे समय से भारत में स्मार्टफोन, वियरेबल्स और टैबलेट्स का निर्माण कर रहा है। अब कंपनी ने लैपटॉप्स को भी इस सूची में शामिल कर लिया है। ग्रेटर नोएडा प्लांट पहले से ही कंपनी की सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में से एक है, और अब लैपटॉप्स की असेंबली व प्रोडक्शन के साथ इसकी अहमियत और बढ़ जाएगी।

कंपनी का मानना है कि इस पहल से भारत में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा और साथ ही निर्यात की संभावना भी बढ़ेगी।


‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत को मजबूती

भारत सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि देश में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़े। सैमसंग का यह फैसला इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

  1. आयात पर निर्भरता कम होगी
    – अब भारत को विदेशी बाजार से महंगे लैपटॉप्स आयात करने की जरूरत कम होगी।
  2. रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे
    – ग्रेटर नोएडा फैक्ट्री में हज़ारों लोगों को नई नौकरियां मिलने की उम्मीद है।
  3. टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
    – ग्लोबल लेवल की मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी अब भारत के इंजीनियर्स और वर्कर्स के लिए उपलब्ध होगी।

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स हब बनने का सपना

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत आने वाले वर्षों में चीन, वियतनाम और दक्षिण कोरिया जैसे देशों को कड़ी टक्कर देगा।

  • इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन: 2025 तक भारत का लक्ष्य है कि इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर का निर्यात $120 बिलियन तक पहुँचे।
  • स्थानीय डिमांड: भारत में हर साल करोड़ों की संख्या में स्मार्टफोन, टैबलेट्स और लैपटॉप्स की बिक्री होती है, जिससे मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को बड़ा घरेलू बाजार मिलता है।
  • सरकारी योजनाएँ: Production Linked Incentive (PLI) स्कीम, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर और टैक्स इंसेंटिव इस क्षेत्र को गति दे रहे हैं।
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सैमसंग की भारत रणनीति

सैमसंग केवल स्मार्टफोन और लैपटॉप्स तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कंपनी का फोकस भारत में एक बड़ा टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम बनाने पर है।

  • स्मार्टफोन और टैबलेट्स: पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट का संचालन नोएडा में हो रहा है।
  • वियरेबल्स और स्मार्ट डिवाइसेस: स्मार्टवॉच और इयरबड्स का प्रोडक्शन भी बढ़ाया जा रहा है।
  • आईटी और लैपटॉप्स: नए लैपटॉप्स का लोकल प्रोडक्शन न केवल भारत में बिक्री बल्कि निर्यात के लिए भी होगा।

भारतीय उपभोक्ताओं के लिए फायदे

सैमसंग की इस पहल का सीधा फायदा भारत के ग्राहकों को मिलेगा।

  1. कीमतों में कमी – लोकल मैन्युफैक्चरिंग होने से आयात कर और लॉजिस्टिक कॉस्ट कम होगी, जिससे लैपटॉप्स की कीमतें पहले की तुलना में सस्ती हो सकती हैं।
  2. तेज़ डिलीवरी और उपलब्धता – लोकल उत्पादन का मतलब है कि ग्राहकों को नए मॉडल्स जल्दी उपलब्ध होंगे।
  3. लोकल सपोर्ट और सर्विस – भारत में बने प्रोडक्ट्स के लिए बेहतर आफ्टर-सेल्स सर्विस नेटवर्क तैयार होगा।

रोजगार और स्किल डेवलपमेंट

सैमसंग का कहना है कि उनकी इस नई मैन्युफैक्चरिंग लाइन से हज़ारों डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स पैदा होंगे। साथ ही लोकल वर्कफोर्स को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

इससे भारत का युवा वर्ग इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और R&D में आगे बढ़ सकेगा।


भविष्य की संभावनाएँ

कंपनी आने वाले वर्षों में और भी प्रोडक्ट्स जैसे – 5G डिवाइस, AI-पावर्ड स्मार्ट गैजेट्स और हाई-एंड लैपटॉप्स – भारत में बनाने की योजना पर काम कर रही है।

अगर यह पहल सफल होती है तो सैमसंग भारत को अपना ग्लोबल एक्सपोर्ट हब भी बना सकता है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।

निष्कर्ष

सैमसंग का ग्रेटर नोएडा में लैपटॉप मैन्युफैक्चरिंग शुरू करना भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के लिए बेहद अहम है। यह कदम न केवल भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में ग्लोबल पावर बनाएगा बल्कि रोज़गार, तकनीक और सस्ते दामों के रूप में आम उपभोक्ताओं को भी लाभ पहुँचाएगा।

आने वाले समय में भारत और सैमसंग दोनों के लिए यह साझेदारी नए अवसरों के द्वार खोल सकती है।

Prashant Pathak
Prashant Pathak is a passionate journalist and digital creator who writes about politics, technology, travel, and culture with a clear, human touch. As the editor of The Ayodhya Times, he focuses on bringing real, verified, and people-centered news stories to readers. His goal is to make complex topics easy to understand and connect news with everyday life.