DUSU चुनाव परिणाम 2025: ABVP का शानदार प्रदर्शन
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव 2025 के नतीजे आ गए हैं, और इस बार भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने अपना दबदबा कायम रखते हुए तीन बड़े पदों पर जीत दर्ज की है। अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पद एबीवीपी के खाते में गए, जबकि एनएसयूआई (NSUI) को सिर्फ उपाध्यक्ष पद से संतोष करना पड़ा।
यह जीत एबीवीपी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, और यह दिखाती है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों का भरोसा अब भी उस पर बरकरार है। पिछले कई सालों से एबीवीपी लगातार इन चुनावों में अपना परचम लहराती रही है, और इस बार के नतीजे भी यह साबित करते हैं कि छात्रहितों के लिए उसकी मेहनत और प्रतिबद्धता रंग ला रही है।
कांटे की टक्कर और शानदार जीत
इस साल का चुनाव काफी दिलचस्प था। एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों ने ही पूरी ताकत झोंक दी थी। चुनाव प्रचार के दौरान जमकर रैलियाँ निकलीं, तीखी बहसें हुईं और उम्मीदवार सीधे छात्रों से मिले। लेकिन आखिरकार, एबीवीपी के उम्मीदवार भारी वोटों से जीत गए।
अध्यक्ष पद के लिए एबीवीपी के आर्यन मान ने एनएसयूआई की जोसलिन नंदिता चौधरी को मात देकर शानदार जीत दर्ज की। आर्यन की जीत को छात्रों के बीच उनकी लोकप्रियता और उनके द्वारा किए गए काम का नतीजा माना जा रहा है। जीत के बाद आर्यन ने कहा, “यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि दिल्ली विश्वविद्यालय के हर उस छात्र की है जिसने हम पर भरोसा जताया है। हम छात्रों की समस्याओं को सुलझाने और उनकी आवाज़ उठाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।”
इसी तरह, सचिव पद पर कुणाल चौधरी और संयुक्त सचिव पद पर दीपिका झा ने भी बड़ी जीत हासिल की। इन दोनों की जीत से भी एबीवीपी की संगठनात्मक शक्ति और छात्रों के बीच उसके मजबूत आधार का पता चलता है।
एनएसयूआई को मिली एक सीट
एनएसयूआई की ओर से उपाध्यक्ष पद पर राहुल झांसला ने जीत हासिल की। हालांकि, एनएसयूआई के लिए यह परिणाम निराशाजनक रहा, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वे इस बार एबीवीपी को कड़ी टक्कर देंगे। राहुल ने अपनी जीत के बाद कहा, “हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हम छात्रों के हित में काम करते रहेंगे और अगली बार और भी मजबूत होकर आएँगे।”
चुनाव परिणाम का विश्लेषण और आगे की राह
यह चुनाव परिणाम कई मायनों में अहम हैं। यह दिखाता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र विकास और राष्ट्रवाद के एजेंडे को पसंद कर रहे हैं। एबीवीपी ने अपने प्रचार में छात्रों की समस्याओं जैसे हॉस्टल की कमी, लाइब्रेरी की सुविधाओं में सुधार और शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर दिया, और लगता है कि यह रणनीति काम कर गई।
वहीं, एनएसयूआई को यह सोचना होगा कि वे छात्रों का विश्वास क्यों नहीं जीत पाए। शायद उन्हें अपनी रणनीति और मुद्दों पर फिर से विचार करने की ज़रूरत है।
अब जब चुनाव नतीजे आ चुके हैं, तो नई छात्र संघ के सामने कई चुनौतियाँ हैं। उन्हें छात्रों की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करना होगा। हॉस्टल की कमी, लाइब्रेरी की सुविधाओं में सुधार, सुरक्षा और अन्य कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर उन्हें काम करना होगा।
एबीवीपी के विजयी उम्मीदवारों ने कहा है कि वे छात्रों की उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे और दिल्ली विश्वविद्यालय को देश का सबसे बेहतर विश्वविद्यालय बनाने के लिए काम करेंगे।
यह चुनाव परिणाम एक बार फिर साबित करते हैं कि एबीवीपी दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के दिल में एक खास जगह रखती है। अब देखना यह है कि नई छात्र संघ आने वाले समय में किस तरह से छात्रों की समस्याओं को सुलझाती है और उनकी उम्मीदों पर खरी उतरती है।
डीयूएसयू चुनाव 2025 के परिणाम
पद | एबीवीपी उम्मीदवार | एनएसयूआई उम्मीदवार |
अध्यक्ष | आर्यन मान (जीते) | जोसलिन नंदिता चौधरी (हारीं) |
उपाध्यक्ष | गोविंद तंवर (हारे) | राहुल झांसला (जीते) |
सचिव | कुणाल चौधरी (जीते) | कबीर (हारे) |
संयुक्त सचिव | दीपिका झा (जीते) | लवकुश भड़ाना (हारे) |
यह जीत एबीवीपी के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों के बीच उसकी मजबूत पकड़ को दर्शाती है। हम उम्मीद करते हैं कि नई छात्र संघ छात्रों के हित में काम करेगी और दिल्ली विश्वविद्यालय को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी।
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