लोकसभा में पास हुआ Income Tax Bill 2025: 63 साल पुराने कानून का अंत, जानें 10 बड़े बदलाव

📅 प्रकाशित: 11 अगस्त 2025


नई दिल्ली – भारत की कर व्यवस्था में दशकों बाद एक ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। लोकसभा ने Income Tax Bill 2025 को मंजूरी दे दी है, जो 63 साल पुराने Income Tax Act, 1961 को पूरी तरह से बदल देगा। इस नए कानून को सरल, पारदर्शी और आधुनिक जरूरतों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है। अगर यह राज्यसभा और राष्ट्रपति की मंजूरी पाता है, तो 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।

सरकार का कहना है कि इससे टैक्स अनुपालन आसान होगा, कानूनी प्रावधान स्पष्ट होंगे और डिजिटल युग की चुनौतियों का समाधान मिलेगा। आइए, विस्तार से जानते हैं इस बिल के 10 बड़े बदलाव और उनके मायने—


1. ‘Tax Year’ की नई अवधारणा

अब “पिछला वर्ष” (Previous Year) और “आकलन वर्ष” (Assessment Year) जैसे पुराने शब्दों की जगह सिर्फ “Tax Year” का इस्तेमाल होगा। उदाहरण के लिए, 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 को “Tax Year 2025-26” कहा जाएगा। इससे करदाता और अधिकारियों दोनों के लिए समयावधि समझना आसान हो जाएगा।


2. धाराओं और संरचना का पुनर्गठन

नए कानून में कुल धाराओं की संख्या बढ़कर 536 हो गई है, जबकि 1961 के कानून में यह लगभग 298 थी। हालांकि, पन्नों की कुल संख्या घटकर करीब 622 रह गई है, जो पुराने कानून के 880 पन्नों से लगभग आधी है। इसका मतलब है कि प्रावधान ज्यादा हैं लेकिन उन्हें बेहतर ढंग से संगठित और संक्षिप्त किया गया है।


3. जटिल प्रावधानों की सफाई

करीब 1200 पुराने प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं। कई टैक्स दरें, टीडीएस और टीसीएस नियम अब तालिका (टेबल) के रूप में दिए जाएंगे, जिससे उन्हें पढ़ना और समझना आसान हो जाएगा। यह कदम अनावश्यक कानूनी बोझ को कम करेगा।


4. कर-मुक्त आय की सीमा बढ़ी

अब ₹12 लाख तक की वार्षिक आय कर-मुक्त हो सकती है। इसमें वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए ₹75,000 तक की मानक कटौती (Standard Deduction) शामिल है। यह बदलाव मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने वाला है, खासकर महंगाई के मौजूदा दौर में।


5. अपडेटेड रिटर्न भरने की समयसीमा दोगुनी

करदाताओं को अब अपना Updated Return दाखिल करने के लिए 4 साल का समय मिलेगा, जबकि पहले यह अवधि 2 साल थी। यह प्रावधान उन लोगों के लिए मददगार होगा जो गलती से कुछ आय छुपा देते हैं या बाद में जानकारी अपडेट करना चाहते हैं।


6. डिजिटल और वर्चुअल एसेट्स पर स्पष्ट कानून

क्रिप्टोकरेंसी, NFT और अन्य डिजिटल संपत्तियों के लिए स्पष्ट परिभाषाएं और कर प्रावधान जोड़े गए हैं। “आभासी डिजिटल परिसंपत्ति” और “इलेक्ट्रॉनिक मोड” जैसे शब्दों को औपचारिक रूप से कानून में शामिल किया गया है, जिससे इस क्षेत्र में कराधान की अस्पष्टता खत्म होगी।


7. स्टार्टअप और डिजिटल बिज़नेस को बढ़ावा

धारा 11 से 154 के तहत स्टार्टअप्स, डिजिटल उद्यमों और नवीकरणीय ऊर्जा निवेश के लिए विशेष कर कटौतियों की व्यवस्था की गई है। सरकार का मानना है कि इससे उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा और निवेश का माहौल बेहतर होगा।


8. टैक्स स्लैब और स्टैंडर्ड डिडक्शन अपरिवर्तित

फिलहाल टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पुराने टैक्स रेजीम में वेतनभोगी वर्ग को ₹50,000 की मानक कटौती और नए रेजीम में ₹75,000 की कटौती का लाभ मिलता रहेगा।


9. कर विवादों में कमी की उम्मीद

स्पष्ट और सुव्यवस्थित प्रावधानों के कारण टैक्स विवादों और मुकदमों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है। इससे टैक्सपेयर और विभाग, दोनों का समय और संसाधन बचेंगे।


10. लागू होने की संभावित तारीख

अगर यह विधेयक राज्यसभा से भी पास हो जाता है और राष्ट्रपति की मंजूरी मिल जाती है, तो नया आयकर कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा।


क्यों अहम है यह बदलाव?

पिछले 63 वर्षों में Income Tax Act, 1961 में हजारों संशोधन हुए, जिससे यह कानून जटिल और बोझिल हो गया। डिजिटल अर्थव्यवस्था, नई तकनीक और अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से मौजूदा ढांचा काफी पुराना पड़ गया था। नए कानून के जरिए न सिर्फ भाषा को आसान किया गया है, बल्कि प्रावधानों को आधुनिक कारोबारी और तकनीकी जरूरतों के अनुरूप बनाया गया है।


साधारण टैक्सपेयर के लिए फायदे

  • स्पष्टता: अब प्रावधान टेबल और आसान भाषा में होंगे।
  • कम कागजी काम: डिजिटल फाइलिंग और ऑनलाइन अपील प्रक्रिया से समय बचेगा।
  • राहत: कर-मुक्त सीमा और मानक कटौती में बढ़ोतरी।
  • लचीलापन: Updated Return दाखिल करने के लिए 4 साल का समय।

निष्कर्ष

Income Tax Bill 2025 सिर्फ एक कानूनी संशोधन नहीं है, बल्कि यह भारतीय टैक्स सिस्टम में एक नई सोच की शुरुआत है। यह पारदर्शिता, सरलता और डिजिटल अनुकूलता की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब नजर इस बात पर रहेगी कि राज्यसभा और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 1 अप्रैल 2026 से लागू होने पर यह कितना असरदार साबित होता है।

63 साल पुराना कानून खत्मAI based tax monitoring IndiaAI आधारित टैक्स मॉनिटरिंगDigital tax filing IndiaIncome Tax Act 1961 replacedIncome Tax Bill 2025 IndiaIndia tax reform 2025Indian tax law changesLok Sabha passes tax billMSME tax reliefMSME टैक्स छूटNew Income Tax Law 2026New tax slabs IndiaSenior citizen tax rebateSimplified tax structure IndiaStartup tax benefits IndiaTax refund new rules Indiaआयकर कानून में बदलावइनकम टैक्स एक्ट 1961 का अंतइनकम टैक्स बिल 2025इनकम टैक्स स्लैब 2026टैक्स रिफंड नया नियमडिजिटल टैक्स फाइलिंग भारतनया आयकर कानून 2026नया टैक्स सिस्टम भारतभारत में टैक्स सुधारलोकसभा में टैक्स बिल पासवरिष्ठ नागरिक टैक्स लाभस्टार्टअप्स के लिए टैक्स राहत