Janmashtami 2025: Complete Puja Vidhi, Vrat Rules और श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के Upay

Shri Krishna Janmashtami 2025

कृष्ण जन्माष्टमी का महत्व

कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म उत्सव के रूप में पूरे भारत में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, रात 12 बजे माखन चोर, नंदलाला का जन्म उत्सव मनाते हैं, और मंदिरों में घंटा-घड़ियाल, भजन-कीर्तन और झांकियां सजाई जाती हैं।


पूजा करने का सही तरीका

जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल का पंचामृत स्नान शुरू करने से पहले पूजा स्थान को अच्छी तरह साफ करें, थाली में कपड़ा बिछाएँ, दीपक जलाएँ और चारों ओर गंगाजल छिड़ककर शुद्धि करें। फिर दोनों हथेलियों में जल और फूल लेकर संकल्प बोलें—“मैं श्रद्धा से लड्डू गोपाल का पंचामृत स्नान कर रहा/रही हूँ, कृपा करें,” और मन-ही-मन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप करते रहें। अब श्रीविग्रह को थाली में रखे आसन पर विराजित करें (ध्यान रहे कि पानी सीधे लकड़ी/कपड़े पर न गिरे), शुद्ध जल की हल्की छींटें देकर “ॐ श्रीकृष्णाय नमः” कहें। इसके बाद हल्के गुनगुने जल में 2–3 बूँदें गंगाजल/रोज़ जल मिलाकर सिर से चरण तक धीरे-धीरे जल स्नान कराएँ।

अब अभिषेक करें—इच्छानुसार दो में से किसी एक विधि से। पहली विधि में तैयार पंचामृत को शंख/चम्मच से ऊपर से धीरे-धीरे घुमाते हुए अर्पित करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र 11 बार जपें। दूसरी विधि में क्रमशः पहले दूध, फिर दही, फिर घी की कुछ बूंदें, उसके बाद शहद की पतली धार और अंत में शक्कर/मिश्री जल अर्पित करें; सबसे अंत में मिश्रित पंचामृत की हल्की धार दें। अभिषेक के बाद स्वच्छ जल से फिर से हल्का स्नान करा दें ताकि पंचामृत साफ हो जाए और वस्त्र/आभूषण पहनाना सरल रहे। अब मुलायम रूमाल से थपथपाकर सुखाएँ, चंदन-केसर का तिलक करें, नए वस्त्र पहनाएँ और फूल-माला, मोरपंख व बाँसुरी से सुंदर श्रृंगार करें।

श्रृंगार के बाद श्रीविग्रह को मंदिर के आसन पर पुनः प्रतिष्ठित करें और दीपक के सामने विराजमान रखें। माखन-मिश्री, पंजीरी/खीर और फल का भोग लगाएँ—हर थाल में तुलसीदल अवश्य रखें—फिर “हरे कृष्ण हरे राम” या “ॐ क्लीं कृष्णाय नमः” जपते हुए आरती करें। अंत में पंचामृत को छोटे कपों में बाँटकर परिवार और भक्तों में प्रसाद रूप में वितरित करें, तथा शेष जल-पंचामृत को तुलसी या किसी पवित्र पौधे की जड़ में अर्पित करें; इसे नाली या सिंक में न बहाएँ।


भोग लगाने का तरीका

  1. माखन-मिश्री का भोग
    श्रीकृष्ण को माखन और मिश्री अत्यंत प्रिय हैं। इसे छोटे कटोरे में सजाकर रखें।
  2. पंचामृत
    दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल मिलाकर भोग के रूप में अर्पित करें।
  3. फलों और मिठाइयों का प्रसाद
    मौसमी फल, लड्डू, पंजीरी, चूरमा आदि अर्पित करें।
  4. भोग लगाने की विधि
    • पहले तीन बार घंटी बजाएं।
    • मंत्र बोलें:
      “ॐ देवकीनन्दनाय नमः, माखन-मिश्री गृहाण”
    • भोग लगाने के बाद कुछ समय तक प्रसाद वहीं रहने दें, फिर वितरित करें।

श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने के उपाय

  • दिनभर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
  • जरूरतमंद बच्चों को भोजन कराएं।
  • घर में गोवर्धन पूजा स्थल की तरह छोटा मंडप सजाकर कीर्तन करें।
  • भगवान को तुलसी पत्र अवश्य अर्पित करें।

कृष्ण जन्म की छोटी कहानी


समापन

कृष्ण जन्माष्टमी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, भक्ति और सच्चाई का प्रतीक है। सही विधि से पूजा, भोग और भजन करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन का हर पल आनंद, शांति और दिव्यता से भरा होता है।

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Prashant Pathak
Prashant Pathak is a passionate journalist and digital creator who writes about politics, technology, travel, and culture with a clear, human touch. As the editor of The Ayodhya Times, he focuses on bringing real, verified, and people-centered news stories to readers. His goal is to make complex topics easy to understand and connect news with everyday life.