हेडलाइन 1: लोकसभा में प्रियंका गांधी का सत्तापक्ष को करारा जवाब — “वे हिंदू नहीं, भारतीय थे”
लोकसभा की कार्यवाही के दौरान उस वक्त हलचल मच गई जब पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को सत्ता पक्ष के कुछ नेताओं ने “हिंदू श्रद्धालु” कहकर संबोधित किया। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दो टूक कहा, “वे हिंदू नहीं, भारतीय थे।” उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि जब आतंकवादी हमला करते हैं तो उन्हें किसी की जाति या धर्म से कोई फर्क नहीं पड़ता — उनका निशाना केवल इंसान होता है, एक भारतीय होता है।
प्रियंका ने यह भी कहा कि पीड़ितों की पहचान उनके धर्म से नहीं, उनकी भारतीयता से होनी चाहिए। “जब कोई देश के लिए जान गंवाता है या आतंकवाद का शिकार होता है, तो उसकी शहादत का सम्मान हम सभी को बिना धार्मिक चश्मे से देखना चाहिए,” उन्होंने कहा।
हेडलाइन 2: विपक्ष ने जताई नाराज़गी, धार्मिक ध्रुवीकरण का लगाया आरोप
प्रियंका गांधी के इस बयान के बाद सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह आतंकवादी हमले जैसे गंभीर मुद्दे को भी धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यह वक्त एकजुटता दिखाने का है, न कि धर्म के नाम पर लोगों को बांटने का।
इस बहस का असर सदन के बाहर भी दिखा — सोशल मीडिया पर लोगों की राय बंटी हुई नज़र आई। जहां कुछ ने प्रियंका गांधी के बयान को “सांप्रदायिकता के खिलाफ एक मजबूत संदेश” बताया, वहीं कुछ ने इसे “हिंदू भावनाओं की अनदेखी” के रूप में देखा। बावजूद इसके, प्रियंका गांधी का यह बयान संसद के मानसून सत्र के सबसे चर्चित लम्हों में से एक बन गया है।


