पुरी स्टैम्पीड: ओडिशा मुख्यमंत्री ने किया बड़ा प्रशासनिक फेरबदल
पुरी की प्रसिद्ध रथ यात्रा के दौरान हुए भयानक स्टैम्पीड ने पूरे ओडिशा को झकझोर कर रख दिया है। श्री गुन्डिचा मंदिर के पास हुई इस घटना में तीन श्रद्धालु मृत और 50 से अधिक घायल हो गए। इस दुखद घटना के बाद ओडिशा सरकार ने तुरंत सख्त कार्रवाई की है।
घटना क्या हुई?
एक रविवार की सुबह हजारों श्रद्धालु रथ यात्रा में शामिल होने के लिए जमा हुए थे। लेकिन जैसे ही रथ श्री गुन्डिचा मंदिर के करीब पहुंचा, भारी भीड़ में भगदड़ मच गई। भीड़ की तेजी से कई लोग गिर गए और दबने से घायल हो गए। तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई, लेकिन अफसोस तीन लोगों की जान चली गई।
सरकार की प्रतिक्रिया
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पूरे प्रशासनिक ढांचे में बड़े बदलाव का आदेश दिया। पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन और पुलिस अधीक्षक बिनीत अग्रवाल को हटा दिया गया। साथ ही डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस विष्णु पाटी और कमांडेंट अजय पाढ़ी को निलंबित कर दिया गया।
खुरदा के जिलाधिकारी चंचल राणा को पुरी का नया जिलाधिकारी बनाया गया है, जबकि डीआईजी पिनाक मिश्रा को नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, पूर्व पुरी कलेक्टर अरविंद अग्रवाल को रथ यात्रा का समग्र प्रभारी बनाया गया है।
मुआवजा और जांच
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। साथ ही, विकास आयुक्त अनु गर्ग के नेतृत्व में इस दुर्घटना की पूरी जांच के आदेश दिए गए हैं ताकि हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके और जिम्मेदारों को सजा मिले।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ और भविष्य की तैयारी
पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस हादसे को प्रशासन की लापरवाही बताया और कड़ी आलोचना की। कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी घटना की निंदा की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
आगामी रथ यात्राओं में लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे, इसलिए सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने के निर्देश दिए हैं। बेहतर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू कर ऐसे हादसों को रोकने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
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