“भारतीय व वैश्विक शेयर बाजार: नई अमेरिकी टैरिफ, कमजोर रोजगार डेटा और विदेशी बिक्री के कारण गिरावट”

THE AYODHYA TIMES

📉 भारतीय शेयर बाजार पर गहराया दबाव: पाँचवें हफ्ते भी लाल निशान में बंद

भारतीय शेयर बाजार ने अगस्त की शुरुआत भी गिरावट के साथ की है। Sensex और Nifty दोनों ही लगातार पाँचवें हफ्ते लाल निशान में बंद हुए हैं। शुक्रवार को Sensex में 586 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि Nifty 24,600 के नीचे फिसल गया। बाजार में यह गिरावट कई कारणों की वजह से देखी जा रही है – विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कमजोर कंपनियों के तिमाही नतीजे और वैश्विक बाजारों से मिल रहे नकारात्मक संकेत।

विशेषज्ञों के अनुसार, फार्मा और मिडकैप शेयरों में सबसे अधिक दबाव देखने को मिला, जबकि FMCG जैसे रक्षात्मक सेक्टर्स ने बाज़ार को कुछ हद तक थामने की कोशिश की। निवेशकों की नजर अब रिजर्व बैंक की आगामी नीति बैठक और अगस्त महीने की वित्तीय रिपोर्ट्स पर टिकी हुई है।


🌍 अमेरिकी मंदी का डर और टैरिफ का असर: वैश्विक संकेत भी बना कारण

दूसरी ओर, अंतरराष्ट्रीय बाजारों की बात करें तो अमेरिका से आई कमजोर आर्थिक रिपोर्ट्स ने वैश्विक निवेशकों को भी चिंता में डाल दिया है। हाल ही में आई अमेरिकी नौकरियों की रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई में सिर्फ़ 73,000 नई नौकरियां जुड़ी हैं, जो बीते महीनों के मुकाबले बहुत कम हैं। इसके साथ ही, अमेरिका द्वारा घोषित किए गए नए टैरिफ ने व्यापारिक माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है।

इसका सीधा असर अमेरिकी शेयर बाजार पर भी देखने को मिला, जहाँ Dow Jones में 542 अंकों की गिरावट आई और S&P 500 तथा Nasdaq ने दो महीनों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की। इसके चलते निवेशकों में अस्थिरता और डर का माहौल बन गया है, जिसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है।

हालांकि, घरेलू स्तर पर एक अच्छी खबर यह है कि डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DIIs) की खरीदारी लगातार बनी हुई है। इसके अलावा, 8वें वेतन आयोग की चर्चाओं के बीच आने वाले दिनों में रिटेल और ऑटो सेक्टर में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिससे बाजार को कुछ राहत मिल सकती है।

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Prashant Pathak
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