अफगानिस्तान में तालिबान का जश्न, पाकिस्तानी सैनिकों की पैंटें बनीं वायरल तस्वीरों का विषय
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हाल ही में सीमा पर हुई झड़पों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। इस झड़प के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें तालिबान लड़ाके सड़कों पर पाकिस्तानी सैनिकों की पैंटें लहराते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह तस्वीर न केवल अफगानिस्तान में चर्चा का विषय बनी हुई है बल्कि पाकिस्तान के लिए भी बड़ी शर्मिंदगी का कारण बन गई है। बताया जा रहा है कि झड़प के दौरान कई पाकिस्तानी सैनिकों ने अपनी चौकियाँ छोड़ दीं, और उसी दौरान तालिबान ने उनके कब्जे में आए कपड़ों और सामान को प्रदर्शन के रूप में दिखाया।
इस घटना ने दोनों देशों के बीच बढ़ते अविश्वास और वैचारिक टकराव को और उजागर कर दिया है। पाकिस्तान पहले से ही तालिबान प्रशासन पर सीमा पार आतंकी गतिविधियों को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगा रहा है, जबकि अफगानिस्तान इसे पाकिस्तान की राजनीतिक चाल करार दे रहा है।
दोनों देशों के बीच 48 घंटे का युद्धविराम लागू हुआ, तनाव कम करने की कोशिश जारी
लगातार बढ़ते संघर्ष और हताहतों के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों ने 48 घंटे के युद्धविराम पर सहमति जताई। पाकिस्तान सरकार का कहना है कि यह कदम अफगानिस्तान के अनुरोध पर उठाया गया, ताकि सीमा पर शांति बहाल की जा सके। वहीं, तालिबान प्रशासन का कहना है कि युद्धविराम पाकिस्तान की ओर से मांगा गया था।
हालांकि, इस समझौते के बावजूद दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी साफ नजर आती है। पिछले कुछ महीनों से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद और आतंकी गतिविधियों को लेकर तनाव लगातार बढ़ा है। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर यह आरोप लगाया है कि वहां से संचालित आतंकी संगठन उसके खिलाफ हमले कर रहे हैं। वहीं, तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान उसके आंतरिक मामलों में दखल दे रहा है।
सीमा पर झड़प और बढ़ते आरोपों ने बिगाड़ा माहौल
इस झड़प का मुख्य कारण सीमा पार से हो रही गोलीबारी और आतंकियों की घुसपैठ बताया जा रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि अफगान तालिबान के आतंकी पाकिस्तान के सैनिकों पर हमला कर रहे हैं और स्थानीय इलाकों में दहशत फैला रहे हैं। तालिबान का कहना है कि पाकिस्तान की सेना अफगान सीमाओं में घुसपैठ करती है और अफगान नागरिकों को निशाना बनाती है।
सीमा पर तैनात दोनों देशों के सैनिकों के बीच बीते दिनों भारी गोलीबारी हुई थी, जिसमें कई लोग घायल हुए और कुछ की मौत भी हुई। अफगान मीडिया के अनुसार, इस झड़प में काबुल के अस्पतालों में कई घायल सैनिकों को भर्ती कराया गया है।
तालिबान की वायरल तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर मचाई हलचल
झड़प के बाद तालिबान लड़ाकों द्वारा साझा की गई तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गईं। इन तस्वीरों में तालिबान लड़ाके पाकिस्तानी सैनिकों के छोड़े गए कपड़े, हथियार और गाड़ियों को दिखा रहे हैं। BBC के अफगान पत्रकार दाऊद जुनबिश ने भी एक तस्वीर साझा की, जिसमें तालिबान सैनिकों के हाथ में पाकिस्तानी यूनिफॉर्म की पैंटें नजर आ रही हैं।
इन तस्वीरों पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। अफगान सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने इसे “तालिबान की जीत” बताया, वहीं पाकिस्तान के कई पत्रकारों और विश्लेषकों ने कहा कि यह देश के लिए “बेहद शर्मनाक दृश्य” है। इससे यह भी साबित होता है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते कितने नाजुक मोड़ पर पहुंच चुके हैं।
युद्धविराम के बाद स्थिति शांत लेकिन सतर्कता अभी भी जारी है
हालांकि युद्धविराम लागू होने के बाद सीमा पर गोलीबारी बंद हो गई है, लेकिन दोनों देशों के सुरक्षा बल अब भी पूरी तरह सतर्क हैं। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उनके जवान किसी भी अप्रत्याशित हमले का जवाब देने के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान की ओर से भी अतिरिक्त सैनिक तैनात कर दिए गए हैं और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
रिपोर्टों के अनुसार, संघर्ष से प्रभावित इलाकों में अफगान नागरिकों में दहशत का माहौल है। कई लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों की ओर जा रहे हैं। फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है लेकिन दोनों देशों के बीच अविश्वास और नाराजगी अब भी बरकरार है।


बहुत ही खैराती खबर! तालिबान लड़ाकों की सोशल मीडिया फिल्मी फ्रेम वाली जीत और पाकिस्तान की शर्मिंदगी बहुत ही सामान्य है। दोनों का बिल्कुल अलग खिलौना खेल रहा है, जिसमें तीसरा देश अफगानिस्तान उसके बीच उड़ाना जाता है। 48 घंटे का युद्धविराम बहुत ही शुरुआती था, जैसे ही फिर बढ़ जाएगा!đồng hồ online
तालिबान की तस्वीरें वायरल होने की बात यकीन करती है, लेकिन यह बहुत ही अफगानी जीत है कि पाकिस्तानी पैंटे उनके हाथों में दिख रही हैं! शायद यही वजह है कि दोनों देशों ने 48 घंटे का युद्धविराम करने की बात कही है, जिससे शायद दोनों के बीच अविश्वास और वैचारिक टकराव का स्तर नहीं घटा है, बल्कि सबसे ज्यादा घटा है समझौते की अस्थिरता!tải video YouTube