ट्रम्प का 50% टैरिफ बम: भारत को झटका, सरकार ने दी तीखी प्रतिक्रिया

📅 Published on: 6 August 2025
✍️ Written by: Prashant Pathak
📝 Edited by: Ram Pandey

6 अगस्त 2025 को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के खिलाफ बड़ा आर्थिक कदम उठाते हुए भारत से आयातित वस्तुओं पर कुल 50% टैरिफ लागू कर दिया। जुलाई में ही ट्रम्प प्रशासन ने 25% आयात शुल्क लगाया था और अब इसमें अतिरिक्त 25% की वृद्धि कर दी गई है, जो 27 अगस्त 2025 से प्रभावी होगी।

टैरिफ का कारण: रूस से भारत का तेल व्यापार

ट्रम्प के इस फैसले के पीछे मुख्य कारण भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल का आयात जारी रखना है। ट्रम्प ने इसे रूस की फंडिंग और यूक्रेन युद्ध में अप्रत्यक्ष समर्थन के तौर पर देखा है। उनका कहना है कि यह कदम रूस पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे उसकी युद्ध-नीति पर अंकुश लगे।

“भारत अगर रूस को समर्थन देना बंद नहीं करता, तो अमेरिका अपनी आर्थिक ताकत का प्रयोग करेगा।” – डोनाल्ड ट्रम्प


🇮🇳 भारत की सख्त प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने ट्रम्प के फैसले की तीव्र निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने इस टैरिफ को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और एकतरफा” बताया।

विदेश मंत्रालय का बयान:

“भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा नीतियों को बाहरी दबावों के अधीन नहीं करेगा। भारत की संप्रभुता सर्वोपरि है और हम इसके लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।”

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी प्रतिक्रिया दी:

“भारत एक कमजोर अर्थव्यवस्था नहीं है। हम जवाब देंगे, लेकिन विवेकपूर्ण तरीके से।”

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ट्रम्प के इस निर्णय को “आर्थिक ब्लैकमेल” करार देते हुए मोदी सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उनका कहना है कि भारत ने अमेरिका पर पर्याप्त कूटनीतिक दबाव नहीं डाला।


📉 क्या होगा भारत पर असर?

1. भारतीय निर्यातक संकट में

  • अनुमान के अनुसार, भारत के $66 बिलियन मूल्य के निर्यात पर असर पड़ेगा।
  • कपड़ा, गहने, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, और समुद्री उत्पाद सबसे अधिक प्रभावित होंगे।
  • MSME सेक्टर को सबसे अधिक झटका लग सकता है, जिनके लिए अमेरिकी बाजार बेहद अहम है।

2. अमेरिका भी नहीं बचेगा

  • विशेषज्ञों के मुताबिक, इस निर्णय से अमेरिका में महंगाई (inflation) बढ़ सकती है।
  • अमेरिकी उपभोक्ताओं को भारतीय उत्पाद अब ज्यादा कीमत पर मिलेंगे।
  • कई अमेरिकी कंपनियाँ, जो भारतीय सामग्री पर निर्भर हैं, लागत में वृद्धि झेल सकती हैं।

3. वैश्विक भू-राजनीतिक दबाव

  • यह विवाद भारत‑अमेरिका संबंधों को तनावपूर्ण बना सकता है।
  • ट्रम्प प्रशासन की पाकिस्तान के साथ बढ़ती निकटता ने भारत की चिंताओं को और बढ़ाया है।
  • विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम ब्रिक्स बनाम पश्चिमी गठबंधन को फिर से उभार सकता है।

🛡️ भारत की रणनीति: जवाबी कार्रवाई या बातचीत?

▶️ अभी तक कोई जवाबी टैरिफ नहीं

भारत सरकार ने अभी तक कोई प्रतिशोधी टैरिफ लागू नहीं किया है। फिलहाल भारत इस मामले को WTO (विश्व व्यापार संगठन) और द्विपक्षीय बातचीत के ज़रिए हल करने की कोशिश कर रहा है।

▶️ संभावित विकल्प क्या हैं?

  • जवाबी टैरिफ: भारत अमेरिकी आयात जैसे व्हिस्की, मोटरसाइकिल, और सेब पर शुल्क बढ़ा सकता है।
  • डिप्लोमैटिक दबाव: भारत अपने रणनीतिक साझेदारों—जैसे EU और ASEAN—के साथ गठबंधन बनाकर दबाव बना सकता है।
  • मीडिया और जनमत: भारत इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में उजागर करके अमेरिका पर नैतिक दबाव डाल सकता है।

🧩 ट्रम्प के आदेश में एक खिड़की

दिलचस्प बात यह है कि ट्रम्प के आदेश में एक प्रावधान है, जिसके तहत यदि कोई देश प्रतिकूल प्रतिक्रिया देता है, तो अमेरिका आदेश में संशोधन कर सकता है। यानी भारत यदि रणनीतिक ढंग से प्रतिक्रिया देता है, तो ट्रम्प प्रशासन को पीछे हटने पर मजबूर किया जा सकता है।


📌 निष्कर्ष: क्या है आगे की राह?

  • डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाया गया 50% आयात टैरिफ दो हिस्सों में लागू किया गया – जुलाई में 25%, और अगस्त में 25% और।
  • इसका सीधा असर भारत के निर्यात, रोजगार, और छोटे उद्योगों पर पड़ सकता है।
  • भारत ने इस कदम को “अनुचित और अस्वीकार्य” कहा है और फिलहाल कूटनीतिक रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है।
  • यदि अमेरिका पीछे नहीं हटता, तो भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई कर सकता है।

अंत में, यह स्पष्ट है कि वैश्विक राजनीति में आर्थिक हथियारों का उपयोग बढ़ता जा रहा है। भारत को अब संतुलन साधते हुए अपने हितों की रक्षा करनी होगी – चाहे वह टैरिफ हो या रणनीतिक सहयोग।

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