भारत-पाक युद्ध रोकने के दावे से पीछे हटे ट्रंप, पीएम मोदी और जनरल आसिम मुनीर को बताया शांति का श्रेय

ट्रम्प ने भारत-पाक युद्ध रोकने के दावे से लिया पल्ला, पीएम मोदी और जनरल आसिम मुनीर को दिया शांति का श्रेय

हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने पुराने दावे से पीछे हटते हुए कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने का पूरा श्रेय खुद को नहीं देना चाहिए। इसके बजाय उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को इस शांति प्रक्रिया के लिए धन्यवाद दिया है।

ट्रम्प का बयान और बदलाव

पहले ट्रम्प ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोक दिया था। लेकिन अब उन्होंने यह बात मान ली है कि असली शांति का काम पीएम मोदी और जनरल आसिम मुनीर ने किया है। उन्होंने जनरल आसिम मुनीर के साथ एक मुलाकात के बाद कहा कि वे दोनों नेताओं को इस महत्वपूर्ण काम के लिए सलाम करते हैं। ट्रम्प ने माना कि उन्होंने केवल व्यापार और कूटनीतिक दबाव का इस्तेमाल किया, लेकिन असली क्रेडिट दोनों देशों के नेताओं को ही जाता है।

भारत का रुख

भारत सरकार ने भी इस पूरे मामले में साफ रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी टीम ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जो शांति हुई, वह दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत की वजह से हुई, न कि किसी बाहरी व्यक्ति या देश के दबाव की वजह से। भारत के विदेश सचिव ने भी बताया कि मई 2025 में दोनों देशों ने मिलकर सीजफायर यानी युद्ध विराम लागू किया था। उन्होंने कहा कि यह एक समझदारी भरा कदम था जो दोनों पक्षों ने मिलकर उठाया।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान की तरफ से भी इस शांति प्रक्रिया को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया आई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ट्रम्प के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में एक अहम कदम है। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भी कहा कि दोनों देशों के बीच तुरंत और प्रभावी संचार स्थापित किया गया, जिससे गोलीबारी बंद हो सकी।

विवाद और मीडिया रिपोर्ट्स

इस पूरे मामले में कई मीडिया रिपोर्ट्स और बयानबाज़ी भी सामने आई। ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने व्यापार को एक हथियार की तरह इस्तेमाल किया ताकि दोनों देश युद्ध से बचें। लेकिन भारत सरकार ने इसे खारिज करते हुए कहा कि व्यापार या टैरिफ को लेकर कोई भी दबाव युद्ध विराम के दौरान चर्चा का हिस्सा नहीं था। दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि शांति की राह पर कदम दोनों ही सरकारों और सेनाओं ने मिलकर रखा।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन

इस शांति प्रक्रिया को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन और सराहना देखने को मिली है। अमेरिका के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इस प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई। साथ ही संयुक्त राष्ट्र और यूरोपियन यूनियन ने भी भारत और पाकिस्तान की पहल को एक सकारात्मक कदम माना है। उन्होंने दोनों देशों से आग्रह किया है कि वे आपसी बातचीत को जारी रखें और भविष्य में भी शांति बनाए रखें।

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