विद्यासागर यूनिवर्सिटी विवाद: स्वतंत्रता सेनानियों को ‘आतंकवादी’ कहे जाने पर सियासत गरम

क्या हुआ विद्यासागर यूनिवर्सिटी के इतिहास प्रश्न-पत्र में?

हाल ही में विद्यासागर यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के 6ठे सेमेस्टर के परीक्षा प्रश्न-पत्र में एक बड़ी गलती सामने आई। इसमें स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को ‘आतंकवादी’ के रूप में दर्शाया गया, जो कि छात्रों और जनता के लिए बेहद अपमानजनक और गलत था। अंग्रेजी संस्करण में जहां ‘militant nationalist’ लिखा था, वहां बंगाली अनुवाद में ‘terrorists’ शब्द का उपयोग हो गया।

इस गलती ने विश्वविद्यालय के इतिहास और शिक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

विश्वविद्यालय ने क्या प्रतिक्रिया दी?

विद्यासागर यूनिवर्सिटी के वाइस-चांसलर डॉ. दीपक कर ने इस घटना को एक अनजाने और अनमनी त्रुटि बताया। विश्वविद्यालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत दो इतिहास विभाग के प्रोफेसरों को परीक्षा ड्यूटी से हटा दिया है, जिनके द्वारा प्रश्न-पत्र तैयार या मॉडरेट किया गया था। साथ ही विश्वविद्यालय ने छात्रों से इस गलतफहमी के लिए माफी मांगी है।

राजनीतिक हलकों में हलचल: सुवेंदु अधिकारी ने की सख्त मांग

इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है। भाजपा के विपक्षी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस मामले में सार्वजनिक माफी मांगते हुए कहा कि यह पूरे राज्य के इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम के सम्मान के खिलाफ है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की भी मांग की है।

सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि यह केवल एक त्रुटि नहीं, बल्कि इतिहास का अपमान है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

छात्रों और बुद्धिजीवियों का क्या कहना है?

इस मुद्दे पर छात्रों और शिक्षाविदों में भी नाराजगी व्याप्त है। कई छात्रों ने कहा कि इस प्रकार की गलती से उन्हें इतिहास की सही समझ पर सवाल उठाने को मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं कुछ बुद्धिजीवी इसे शिक्षा व्यवस्था में अनदेखी और ग़लतियाँ बताकर इसे सुधारने की अपील कर रहे हैं।

इतिहास का सम्मान और शिक्षा का दायित्व

यह विवाद हमें यह याद दिलाता है कि इतिहास की संवेदनशीलता को समझना और सही ढंग से प्रस्तुत करना शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी है। स्वतंत्रता सेनानी हमारे देश के सबसे बड़े नायक हैं और उन्हें किसी भी रूप में बदनाम या गलत तरीके से प्रस्तुत करना सही नहीं है।

विश्वविद्यालय और सरकार को चाहिए कि वे इस तरह की गलती से सीख लेकर भविष्य में शिक्षा की गुणवत्ता और तथ्यात्मकता पर और अधिक ध्यान दें।

VidyasagarUniversity #FreedomFighters #Controversy #WestBengalPolitics #TerroristRemark #IndianHistory #PoliticalNews #TheAyodhyaTimes

Image (87)
<

कोलकाता रेप केस मेडिकल रिपोर्ट: गले और छाती पर पाए गए निशान – The Ayodhya Times ने की जांच”

🔗 NEET PG 2025 Official Website – NBEMS

Prashant Pathak
Prashant Pathak is a passionate journalist and digital creator who writes about politics, technology, travel, and culture with a clear, human touch. As the editor of The Ayodhya Times, he focuses on bringing real, verified, and people-centered news stories to readers. His goal is to make complex topics easy to understand and connect news with everyday life.