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झाग से लेकर ताज़ा पानी तक: Chatt pooja से पहले Yamuna ghat पर सियासी संग्राम APP Sarkar Se BJP तक

झाग से लेकर ताज़ा पानी तक: Chatt pooja से पहले Yamuna ghat पर सियासी संग्राम APP Sarkar Se BJP तक

Written by: Prashant Pathak
Edited by: Ram Pandey
Published on: 25 October 2025


जैसे-जैसे छठ पूजा का समय नज़दीक आता है, वैसे-वैसे दिल्ली के यमुना घाटों पर माहौल सिर्फ धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक भी हो जाता है। एक ओर श्रद्धालु तैयार होते हैं सूर्य देवता को अर्घ्य देने के लिए, वहीं दूसरी ओर नेता जुट जाते हैं अपनी-अपनी सरकार की उपलब्धियाँ दिखाने में।

इस बार भी कुछ ऐसा ही नज़ारा है। सोशल मीडिया पर पिछले कई दिनों से तस्वीरें वायरल हैं —
एक तरफ़ केजरीवाल सरकार के वक्त की यमुना दिख रही है, झाग और गंदे पानी से भरी,
और दूसरी तरफ़ भाजपा सरकार के सात महीने बाद की तस्वीरें, जहाँ पानी कुछ हद तक साफ़ और घाट तैयार नज़र आ रहे हैं।


रेखा गुप्ता का दावा — “अब यमुना पहले से ज़्यादा साफ़ है”

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को कालिंदी कुंज घाट का दौरा किया और कहा कि सरकार ने सिर्फ़ सात महीने में वो काम कर दिखाया जो AAP सरकार 11 साल में नहीं कर पाई
उन्होंने ट्वीट किया —

“छठ मइया की कृपा से अब यमुना घाट श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह तैयार हैं। हमने झाग को हटाया, पानी को साफ़ किया और सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया। काम दिखता है।”

रेखा गुप्ता ने दावा किया कि अब घाटों पर इको-फ्रेंडली इंतज़ाम, सुरक्षित प्लेटफ़ॉर्म, और नॉन-केमिकल ट्रीटमेंट के ज़रिए सफाई की गई है।


AAP का पलटवार — “दिखावा है, असल सफाई नहीं”

AAP नेताओं ने भाजपा के इस दावे पर तुरंत जवाब दिया।
सौरभ भारद्वाज ने X (Twitter) पर लिखा —

“अगर यमुना इतनी साफ़ है, तो रेखा गुप्ता जी और दिल्ली भाजपा के नेता वहीं से एक गिलास पानी पीकर दिखाएँ।”

AAP का कहना है कि सरकार ने सिर्फ़ छठ पूजा से पहले ऊपरी सतह की सफाई करवाई है, जबकि असली समस्या – गंदे नालों का पानी, फैक्ट्री डिस्चार्ज और ड्रेन कनेक्शन – वहीं के वहीं हैं।

@KapilMishra_IND

Pic 1 – केजरीवाल सरकार में यमुना कालिंदी कुंज Pic 2 – भाजपा सरकार में यमुना कालिंदी कुंज जो केजरीवाल 11 साल में नहीं कर पाया वो भाजपा सरकार में CM

@gupta_rekha

के नेतृत्व में 7 महीने में हो गया काम दिखता है

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जनता की प्रतिक्रिया – “थोड़ा सुधार दिख रहा है, पर रास्ता लंबा है”

कई श्रद्धालुओं ने मीडिया से कहा कि इस बार घाटों पर थोड़ी सफाई और व्यवस्था ज़रूर दिख रही है।
कालिंदी कुंज, आईटीओ घाट, और वज़ीराबाद इलाकों में झाग पहले की तुलना में कम हुआ है,
लेकिन पानी की बदबू और रंग अब भी कुछ जगहों पर परेशान कर रहे हैं।

एक स्थानीय निवासी ने कहा,

“पहले तो घाट के पास खड़े होना मुश्किल था, अब थोड़ा सुधार हुआ है, पर पूरी सफाई अभी दूर की बात है।”


राजनीति बनाम हकीकत

भाजपा कहती है कि “काम दिख रहा है”,
AAP कहती है कि “काम सिर्फ़ दिखाने के लिए है”।
सच्चाई शायद कहीं बीच में है।
यमुना नदी की असली सफाई तभी होगी जब दिल्ली, हरियाणा और यूपी की सरकारें मिलकर नालों के ट्रीटमेंट, इंडस्ट्रियल वेस्ट कंट्रोल, और पब्लिक अवेयरनेस पर एक साथ काम करें।


छठ पूजा की तैयारियाँ पूरी

इधर, प्रशासन ने घोषणा की है कि छठ पूजा के लिए सभी यमुना घाटों पर
– लाइटिंग,
– सुरक्षा बलों की तैनाती,
– मेडिकल और लाइफ-गार्ड टीमें
तैनात कर दी गई हैं।

दिल्ली सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि पूजा के बाद प्लास्टिक या पूजा-सामग्री यमुना में न डालें और घाट को स्वच्छ रखें।


निष्कर्ष

हर साल छठ पूजा से पहले यमुना की सफाई पर राजनीतिक बयानबाज़ी होती है,
लेकिन अगर इस बार सच में घाटों पर बदलाव दिख रहा है, तो ये अच्छी शुरुआत है।
फिर भी, दिल्ली की पहचान बनी यमुना तभी लौटेगी जब ये काम सिर्फ़ त्योहार के वक्त नहीं, बल्कि पूरे साल लगातार चले।

Ram Pandey

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