प्रकृति का प्रकोप: हिमाचल और जम्मू में भूस्खलन से पवित्र यात्रा मार्ग बाधित, श्रद्धालु और पर्यटक फंसे
रिपोर्टर: The Ayodhya Times
प्रकाशन तिथि: 21 जुलाई 2025
हिमाचल प्रदेश/जम्मू:
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में पिछले तीन दिनों से जारी भारी बारिश ने तबाही मचाई है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है और धार्मिक यात्राएं भी बाधित हुई हैं।
हिमाचल में हालात बिगड़े, सड़कें बंद
हिमाचल प्रदेश के मंडी, कुल्लू, शिमला और चंबा जिलों में लगातार हो रही बारिश के कारण पहाड़ों से भारी मात्रा में मलबा गिरा है। राष्ट्रीय राजमार्ग-3 (मनाली मार्ग) और एनएच-5 (शिमला-किन्नौर) समेत कई अहम सड़कों को भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, अब तक किसी बड़ी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन कुछ इलाकों में घरों को नुकसान पहुंचा है और वाहनों के मलबे में दबे होने की आशंका है। जिला प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य के लिए जेसीबी मशीनें और स्थानीय बचाव दल तैनात किए हैं।
वैष्णो देवी यात्रा पर अस्थायी रोक
जम्मू-कश्मीर के कटरा से वैष्णो देवी मंदिर तक जाने वाले यात्रा मार्ग पर भी भूस्खलन के कारण अस्थायी रूप से यात्रा को रोका गया है। भारी बारिश के चलते त्रिकुटा पर्वत क्षेत्र में मलबा गिरा, जिससे पैदल यात्रियों के मार्ग पर खतरा उत्पन्न हो गया।
श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि, “सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है और मौसम साफ होते ही यात्रा को दोबारा शुरू किया जाएगा।”
राहत और बचाव कार्य जारी
राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF), एनडीआरएफ और पुलिस के जवान कई क्षेत्रों में राहत और पुनर्स्थापन कार्यों में जुटे हैं। खराब मौसम और मलबे के चलते कई जगहों पर संपर्क साधन बंद हो गए हैं, जिससे राहत कार्यों में बाधा आ रही है। इसके बावजूद प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रभावित इलाकों में जरूरी सहायता पहुँचाई जा रही है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। खास तौर पर हिमाचल के ऊपरी इलाकों और जम्मू के रियासी और उधमपुर जिलों में तेज़ वर्षा की चेतावनी दी गई है। विभाग ने लोगों को पहाड़ी क्षेत्रों में यात्रा न करने की सलाह दी है।
प्रशासन की अपील:
राज्य सरकारों ने आम जनता से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, पहाड़ी इलाकों की ओर रुख न करें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। सभी जिला मुख्यालयों पर कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिए गए हैं, जिनसे संपर्क कर आपात स्थिति में सहायता ली जा सकती है।
