उत्तर प्रदेश में एक बार फिर धर्मांतरण के रैकेट को लेकर बवाल मचा हुआ है, और इस बार केंद्र में है जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, जिसे यूपी पुलिस एक बड़े धर्मांतरण सिंडिकेट का मास्टरमाइंड मान रही है। इस हफ्ते मंगलवार को प्रशासन ने छांगुर बाबा की 70 कमरों वाली आलीशान हवेली पर बुलडोज़र चला दिया। अब इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा बयान दिया है।
🏚️ 70 कमरों की हवेली पर चला बुलडोजर
उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने मंगलवार को छांगुर बाबा की 70 कमरों की हवेली को गैरकानूनी घोषित कर गिरा दिया। यह हवेली पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण इलाके में स्थित थी और स्थानीय लोगों के अनुसार, यहां धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग और संदिग्ध गतिविधियों की गोपनीय बैठकें होती थीं। Amar Ujala
🧾 सीएम योगी आदित्यनाथ का तीखा बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लखनऊ में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में इस मुद्दे पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा:
“इसने धर्मांतरण के रेट तय किए थे, विदेशों से इसे 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिली है। ये लोग भारत के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने की साजिश रच रहे हैं।”
सीएम योगी ने छांगुर बाबा को “धर्म के सौदेबाज” की संज्ञा दी और कहा कि राज्य सरकार ऐसे तत्वों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिया है कि इस नेटवर्क से जुड़े हर व्यक्ति को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाए।
🌐 विदेशों से आया पैसा, NIA करेगी जांच?
सूत्रों के मुताबिक, जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को विदेशों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम मिली थी, जो कथित रूप से धर्मांतरण, कट्टरपंथ फैलाने और साजिशों के लिए उपयोग की जा रही थी। माना जा रहा है कि यह रकम हवाला और NGO के माध्यम से भारत आई थी।
अब इस मामले की जांच NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) को सौंपी जा सकती है। केंद्र और राज्य एजेंसियां इस नेटवर्क के विदेशी लिंक, फंडिंग स्रोत और राजनीतिक संबंधों की जांच में जुट गई हैं।
🧕 कैसे करता था धर्मांतरण?
छांगुर बाबा के खिलाफ जो आरोप सामने आए हैं, उनमें बताया गया है कि वह गरीब, दलित और आदिवासी समुदायों को निशाना बनाकर उनका धर्मांतरण कराता था।
- उन्हें रोजगार, इलाज, मुफ्त शिक्षा, पैसा और शादी के लिए आर्थिक सहायता का झांसा दिया जाता था।
- कई मामलों में लोगों को डराया-धमकाया भी गया।
- कथित तौर पर उसने एक धर्मांतरण “रेट कार्ड” भी तैयार कर रखा था, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति के लिए अलग-अलग राशि तय थी।
📹 वीडियो और ऑडियो क्लिप्स से खुली पोल
पुलिस की छानबीन में छांगुर बाबा की कई वीडियो क्लिप्स और ऑडियो रिकॉर्डिंग सामने आई हैं, जिनमें वह धर्मांतरण की योजना बनाते, पैसे की डील करते और विदेशों से संपर्क में बात करता हुआ पाया गया है।
इन क्लिप्स को अब डिजिटल फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है और उनके आधार पर पुलिस ने कई सहयोगियों की पहचान भी कर ली है।
🏛️ राजनीतिक और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर कई हिंदू संगठनों और राजनीतिक दलों ने सीएम योगी के कदम का समर्थन किया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने कहा कि यह कार्रवाई “घर वापसी” अभियान के तहत उठाया गया साहसिक कदम है। वहीं, विपक्ष ने इसे “राजनीतिक स्टंट” कहकर विरोध जताया है। aaj Tak
👥 जनता में आक्रोश और सतर्कता
स्थानीय स्तर पर लोगों में छांगुर बाबा के खिलाफ काफी आक्रोश है। कई ग्रामीणों ने बताया कि बाबा की हवेली में रात के समय संदिग्ध लोग आते-जाते रहते थे। उसके खिलाफ पहले भी कई शिकायतें की गई थीं, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के कारण कार्रवाई नहीं हो रही थी।
अब प्रशासन की कार्रवाई के बाद लोगों में संतोष और भरोसा देखा जा रहा है।
📌 निष्कर्ष
छांगुर बाबा का मामला यह साबित करता है कि कैसे धार्मिक आस्था और गरीबी का गलत इस्तेमाल कर कुछ लोग देश की सामाजिक एकता को तोड़ने की साजिश करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह कदम केवल एक इमारत गिराने का मामला नहीं है, बल्कि यह एक बहुत बड़े नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में पहला साहसिक प्रयास है।
अब देखना होगा कि यह कार्रवाई कितनी गहराई तक जाती है और क्या इस तरह के अन्य सौदेबाज भी कानून के शिकंजे में आते हैं या नहीं।
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